Saini Sa'aB
K00l$@!n!
ठीक हुआ
ठीक हुआ जो बिक गए सैनिक मुठ्ठी भर दीनारों में,
वैसे भी तो जंग लगा था, पुश्तैनी हथियारों में।
सर्द नसों में चलते-चलते गर्म लहू जब बर्फ़ हुआ,
चार पड़ौसी जिस्म उठाकर झौंक गए अंगारों में।
खेतों को मुठ्ठी में भरना अब तक सीख नहीं पाया,
यों तो मेरा जीवन बीता सामंती अय्यारों में।
कैसे उसके चाल चलन में पश्चिम का अंदाज़ न हो,
आख़िर उसने सांसें ली हैं, अंग्रेज़ी दरबारों में।
नज़दीकी अक्सर दूरी का कारन भी बन जाती हैं,
सोच समझ कर घुलना मिलना अपने रिश्तेदारों में।
चाँद अगर पूरा चमके, तो उसके दाग खटकते हैं!
एक न एक बुराई तय है सारे इज़्ज़तदारों में।
ठीक हुआ जो बिक गए सैनिक मुठ्ठी भर दीनारों में,
वैसे भी तो जंग लगा था, पुश्तैनी हथियारों में।
सर्द नसों में चलते-चलते गर्म लहू जब बर्फ़ हुआ,
चार पड़ौसी जिस्म उठाकर झौंक गए अंगारों में।
खेतों को मुठ्ठी में भरना अब तक सीख नहीं पाया,
यों तो मेरा जीवन बीता सामंती अय्यारों में।
कैसे उसके चाल चलन में पश्चिम का अंदाज़ न हो,
आख़िर उसने सांसें ली हैं, अंग्रेज़ी दरबारों में।
नज़दीकी अक्सर दूरी का कारन भी बन जाती हैं,
सोच समझ कर घुलना मिलना अपने रिश्तेदारों में।
चाँद अगर पूरा चमके, तो उसके दाग खटकते हैं!
एक न एक बुराई तय है सारे इज़्ज़तदारों में।