~¤Akash¤~
Prime VIP
ज़ालिम ने अभी सच के उजाले नहीं देखे
मुह होते अंधेरों के भी काले नहीं देखे
अपने लिए गुल कर दिया हर एक का चराग
तुम जैसे हमने रौशनी वाले नहीं नहीं देखे
वही पीरे-मूँगा बन गया दुनिया में देखिये
जिसने कभी मंदिर ओ शिवाले नहीं देखे
कहता के मेरा सफ़र आसान था बहुत
उसने कभी मेरे पाँव के छाले नहीं देखे..
मुह होते अंधेरों के भी काले नहीं देखे
अपने लिए गुल कर दिया हर एक का चराग
तुम जैसे हमने रौशनी वाले नहीं नहीं देखे
वही पीरे-मूँगा बन गया दुनिया में देखिये
जिसने कभी मंदिर ओ शिवाले नहीं देखे
कहता के मेरा सफ़र आसान था बहुत
उसने कभी मेरे पाँव के छाले नहीं देखे..