दूसरों को हमारी सजाएं ना दे
चांदनी रात को बददुआये न दे
फूल से आशिकी का हुनर सीख ले
तितलियाँ खुद रुकेंगी सदायें ना दे
सब गुनाहों का इकरार करने लगे
इस क़दर ख़ूबसूरत सजाएं ना दे
मोतियों को छुपा सीपियों की तरह
बेवफाओं को अपनी वफायें ना दे
चांदनी रात को बददुआये ना दे