ख्वाबों के इलतिमास

~¤Akash¤~

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ख्वाबों के इलतिमास पे सोना नहीं आता
खुद अपने आप में अभी खोना नहीं आता

अयान महोब्बत क्या भला ख़ाक करोगे
अभी चाके-जिगर भी तुम्हे सीना नहीं आता

दिखती ही नहीं इश्क में सूरत निबाह की
उसे मरना नहीं आता हमे जीना नहीं आता

सरायत-ए-तसव्वुर में गुजरता हैं हेरेक पल
जब तक के गली में दरे-जानां नहीं आता

मरना तो सिखाते हैं ये तेरे शहर के लोग
कोई जीना भी सिखा दे मुझे जीना नहीं आता

बिखर तो रहा हूँ.....आज तेरे ऐतबार पे
पर देख ले तू मुझको सिमटना नहीं आता...
 
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