~¤Akash¤~
Prime VIP
मेरे घर की मुफ्लिसी को देख के
बदनशीबी सर पटकती रह गयी
और एक दिन कि मुख्सतर बारिस कॆ बाद
छत कइ दिन तक तपकती रह गइ!
जो फाको से मर जाये बे**गैरत का पानी
ये तसवीरे*-उलफत है या ज़िन्दगानी
अरॆ खुदा मौत दॆ दे तो बेह्तर है
पर इकट्टा न दॆ मुफ्लिसी और जवानी
मुफ्लिसॊ के खुलुश कॊ दॆखो, ये ना दॆखो कि लिबाज कैसा है
तीर का तलवार का ना शान का मारा हुआ
जायेगा मोहसर् मे बस मैदान का मारा हुआ
और जिसे मारना है इक ऎह्शान कर और छोड दे
खुद ब खुद मर जायॆगा ऎहशान का मारा हुआ
बदनशीबी सर पटकती रह गयी
और एक दिन कि मुख्सतर बारिस कॆ बाद
छत कइ दिन तक तपकती रह गइ!
जो फाको से मर जाये बे**गैरत का पानी
ये तसवीरे*-उलफत है या ज़िन्दगानी
अरॆ खुदा मौत दॆ दे तो बेह्तर है
पर इकट्टा न दॆ मुफ्लिसी और जवानी
मुफ्लिसॊ के खुलुश कॊ दॆखो, ये ना दॆखो कि लिबाज कैसा है
तीर का तलवार का ना शान का मारा हुआ
जायेगा मोहसर् मे बस मैदान का मारा हुआ
और जिसे मारना है इक ऎह्शान कर और छोड दे
खुद ब खुद मर जायॆगा ऎहशान का मारा हुआ