~¤Akash¤~
Prime VIP
उसूलों पे जो आंच आये तो टकराना जरुरी है
जो जिंदा हो तो फिर जिंदा नज़र आना जरुरी है
थके हारे परिंदे जब बसेरे के लिए लौटे
सलीकामंद साखों का लचक जाना जरुरी है
बहुत बेबाक आँखों मे ताल्लुख टिक नहीं पता
महोब्बत मे कशिश रखने को शरमाना जरुरी है
सलीका ही नहीं शायद उसे महसूस करने का
जो कहता है खुदा है तो नजर आना जरुरी है
मेरी होंठों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो
के इसके बाद भी दुनिया मे कुछ पाना जरुरी है
जो जिंदा हो तो फिर जिंदा नज़र आना जरुरी है
थके हारे परिंदे जब बसेरे के लिए लौटे
सलीकामंद साखों का लचक जाना जरुरी है
बहुत बेबाक आँखों मे ताल्लुख टिक नहीं पता
महोब्बत मे कशिश रखने को शरमाना जरुरी है
सलीका ही नहीं शायद उसे महसूस करने का
जो कहता है खुदा है तो नजर आना जरुरी है
मेरी होंठों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो
के इसके बाद भी दुनिया मे कुछ पाना जरुरी है