कुशलता है

Saini Sa'aB

K00l$@!n!
कुशलता है

क्षण-क्षण, जल-जल, मोम सदृश्य
पिघलता है
हाय, मिलन की न्यारी ये
विह्वलता है।

अंत्याक्षरी होने दो
आज व्यथाओं की
और गोष्ठियाँ मन की
लघु-कथाओं की
अकथ्य कथन भी कहने की
व्याकुलता है।

एक साथ विश्वास और
अंदेशे पाल रखे
कितने ही गोपन उपालम्भ
संदेशे पाल रखे
सुधि सहचर बनकर रही
कुशलता है।

 
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