आंधी ने रौशनी की हिमायत तो की बहुत लेकिन कोई चराग जलने नहीं दिया एक-आध घर तो जल गया पर शहर बच गया अबके दीए का साथ हवा ने नहीं दिया राजी था मे भी मेरा दुश्मन भी सुलह पर कुछ दोस्तों ने हाथ मिलाने नहीं दिया