वो हबीब था के रकीब था मुझे सबसे ज्यादा अज़ीज़ था वो मेरा ना दिल से हुआ कभी पर मैं दिल से उसके करीब था कुछ उसके दिल में फरेब था कुछ खुद- फरेबी में हम रहे वो जो हैं नहीं वो हबीब हैं, वो जो था मेरा वो रकीब था.....