एक टूटा स्वप्न

Saini Sa'aB

K00l$@!n!
एक टूटा स्वप्न
गूँगी हलचल
खड़ी हुई मन के दरवाज़े
बनी संतरी
एक सवेरे की खुशबू की
कोमल यादें!
अरगनियों पर टांग दिया है
सूरज साँकल
जीवन की पहचान बनी है
गूँगी हलचल
छाँव ढूँढ़ती है बस्ती की
लंगड़ी पीड़ा
साँसें टूटे हुए समय को
कैसे साधें!
सन्नाटे की धुँधली छवि के
निर्मम काँटे
आज अंधेरों से
करते हैं हिस्से-बाँटे
चुनी गई थीं
कुछ पंखुरियों के शैशव से
मेरे घर की
बलिदानों वाली बुनियादें!​
 
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