उनके दीदार को आफ़ताब और माहताब आते

~¤Akash¤~

Prime VIP
कभी उनकी याद आती है कभी उनके ख्व़ाब आते हैं
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैंकयामत देखनी हो गर चले जाना उस महफिल में
सुना है उस महफिल में वो बेनकाब आते हैंकई सदियों में आती है कोई सूरत हसीं इतनी
हुस्न पर हर रोज कहां ऐसे श़बाब आते हैंरौशनी के वास्ते तो उनका नूर ही काफी है
उनके दीदार को आफ़ताब और माहताब आते
 
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