उनकी यादों को दिल में संजो लेना

उनकी यादों को दिल में संजो लेना
मन के धागे में ये फूल पिरो लेना
याद करके उन्हें जो मन हो भारी
ग़म न करना थोडा सा रो लेना
है दुनिया का मेला भरा हुआ
कोई न मिले तो खुद को खो देना
बीते हुए पल जो दें दस्तक
दहलीज़ पलकों की ज़रा भिगो देना
घबराना नहीं देख दाग़ चाँद पर
उनको अश्कों से अपने धो देना
जलाना दिल अँधेरी रातों में
उनकी यादों को ज़रा लौ देना
छोड़ कर कश्ती को माझी के सहारे
हो बेफिक्र ज़रा सा सो लेना
 
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