आज भी

Saini Sa'aB

K00l$@!n!
आज भी

वक्त ने बदली है सिर्फ़ तन की पोशाक
मन की ख़बरें तो आज भी छप रही हैं
पुरानी मशीन पर

आज भी मंदिरों में ही जा रहे हैं फूल
आज भी उँगलियों को बींध रहे हैं शूल
आज भी सड़कों पर जूते चटका रहा है भविष्य

आज भी खिड़कियों से दूर है रोशनी
आज भी पराजित है सत्य
आज भी प्यासी है उत्कंठा

आज भी दीवारों को दहला रही है छत
आज भी सीटियाँ मार रही है हवा
आज भी ज़िन्दगी पर नही है भरोसा
 
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