आँखो ही आँखो मे

जब जहन मे शब्द ना हो,
और जूबा थम जाए,
तो कुछ बाते हो जाती हैं,
बस आँखो ही आँखो मे!

प्रेम के दो शब्द ,
कहने मे उम्र गुजर जाती है,
इकरारे मोहब्बत हो जाता है,
बसआँखो ही आँखो मे!

समय की नज़ाकत को समझ,
कुछ इशारे हो जाते है,
शब्द पढ लिए जाते हैं,
बसआँखो ही आँखो मे!

बेवफ़ाई वो कर गये,
प्यार को ठुकरा दिया,
इनकार हमने पड़ लिया,
बस आँखो हो आँखो मे!

तन्हाई मे हम क़ैद थे,
सहारा दूंडते रहे,
दर्द-ए-दिल वो समझ गये,
बस आँखो ही आँखो मे!

उनकी एक झलक को तरस्ते रहे,
पुर जिंदगी हम,
एक दीदार हुआ,
और कत्ल हो गये,
बस आँखो ही आँखो मे!

डॉली उठी मेरे यार की,
किसी और की वो हो गयी,
अलविदा हमे कह गयी,
बस आँखो ही आँखो मे!

सुहाग की सेज पे,
सनम का दीदार है,
अब उम्र कट जाए,
बस आँखो ही आँखो मे!

डॉक्टर राजीव श्रीवास्तवा
 
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