जब ज़िन्दगी है एक कड़ी धूप का सफ़र फिर बरगदों की छाँव मैं क्या ढूँढ़ते हो तुम जितने हसीन चेहरे थे शाहराओं में बस गये अब इस उदास गाँव में क्या ढूँढ़ते हो तुम