माजी की याद में पलके भिगोता रहा हूँ दोस्तो&#23

~¤Akash¤~

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जिंदगी मुझसे मैं जिंदगी से लड़ता रहा हूँ दोस्तों
रोज आदमी की तरह जीता मरता रहा हूँ दोस्तों

जब औरों के लिए धडकता था कोई पूछता ना था
अब दिल पत्थर हो गया रोज पूजा गया हूँ दोस्तों

अब झूट बोलता हूँ सबने पलकों पे बिठा लिया
पहले मैं भी बहुत बुरा रहा हूँ दोस्तों

सब की तरह बदल तो गए दिल को मंजूर ना हुआ
तन्हाई में अक्सर रोता रहा हूँ दोस्तों

जो कुछ मिला था उसमे तो तसल्ली ना हुई
जो नहीं मिला उसे ही ढूँढता रहा हूँ दोस्तों

उसकी तरह हमसे ये रिश्ते ना भुलाये गए
माजी की याद में पलके भिगोता रहा हूँ दोस्तों...
 

Saini Sa'aB

K00l$@!n!
Re: माजी की याद में पलके भिगोता रहा हूँ दोस्तो

:wah Bahut Khoob :wah
 
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