~¤Akash¤~
Prime VIP
फकीरी में कुछ अपनी यूँ फितरत ही पुरानी है
हरेक मौसम हरा रहना कलंदर की निशानी है
कोई पायेगा क्या मुझको मैं अपने आप में गुम हूँ
में हूँ रुख पे हवाओं के सफ़र में जिंदगानी है
करोगे जानकर तुम क्या दिले बरबाद के किस्से
इब्तदा से इन्तहा तक बिखरने की कहानी है
दिखाये ना ये सोजे पा कभी मंजिल को भी हमने
अनापरवारी में गमों को ज़ब्त करने की कहानी है
कभी माँ की दुआओं में कभी मजलूम की आहों में
बच्चों में छुपे रहना खुदा की ये रिवायत पुरानी है.....
हरेक मौसम हरा रहना कलंदर की निशानी है
कोई पायेगा क्या मुझको मैं अपने आप में गुम हूँ
में हूँ रुख पे हवाओं के सफ़र में जिंदगानी है
करोगे जानकर तुम क्या दिले बरबाद के किस्से
इब्तदा से इन्तहा तक बिखरने की कहानी है
दिखाये ना ये सोजे पा कभी मंजिल को भी हमने
अनापरवारी में गमों को ज़ब्त करने की कहानी है
कभी माँ की दुआओं में कभी मजलूम की आहों में
बच्चों में छुपे रहना खुदा की ये रिवायत पुरानी है.....