उन्हे मेरी कोई ख़बर नहीं मुझे उंनका कोई पत&#23

~¤Akash¤~

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सर-ए-राह कुछ भी कहा नही कभी उसके घर मैं गया नहीं
मैं जनम जनम से उसी का हूँ, उससे आज तक यह पता नहीं

उससे पाक नज़रो से चूमना भी इबादतो में शुमार है
कोई फूल लाख करीब हो कभी मैंने उसको छुआ नही

ये खुदा की देन अजीब है की इसी का नाम नसीब है
जिसे तुने चाह वो मिल गया, जिसे मैंने चाह मिला नहीं

इसी शहर में कई साल से मेरे कुछ करीबी अज़ीज़ है
उन्हे मेरी कोई ख़बर नहीं मुझे उंनका कोई पता नहीं
 

Saini Sa'aB

K00l$@!n!
Re: उन्हे मेरी कोई ख़बर नहीं मुझे उंनका कोई पत

:wah :wah
 
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