हर बात पर मेरे दिल का घबराना साक़ी, और घबरा के तेरे पास मेरा आना साक़ी... बहाने पर बहाना नया कोई बनाना साक़ी, दगा देकर सबको मुझसे वफ़ा निभाना साक़ी... तौबा करके तोडूं तो फिर न पास भी न बिठाना साक़ी, पर जब तक तौबा न करूँ तब तक तो पिलाना साक़ी...