प्रिय मुझको वह अवगुंठन दो तो मैं चैन से सो ज&#

~¤Akash¤~

Prime VIP
कभी तोड़ पाए न जिसको संसृति की निर्मम रीतें ,
बांध कोई ऐसा बंधन दो तो मैं चैन से सो जाऊं

छुपा सकूँ मैं ओट में जिसकी पावन प्रेम तुम्हारा मेरा ,
प्रिय मुझको वह अवगुंठन दो तो मैं चैन से सो जाऊं
 
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