बात मीठी भी उसको ना मीठी लगी वो तो लफ़्ज़ों को &

~¤Akash¤~

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दिल ये फिर रातभर जागता गया
वहीँ ख्वाब फिर मांगता रह गया

खुद किसी से तो आकर खुदा मिल गये
एक मैं था दुआ मांगता रह गया

रोज दिल से मुसाफिर गुजरते रहे
तकता नक़्शे-कदम रास्ता रह गया

वो लड़कर के दुनिया से सो तो गया
ख्वाब आँखों में ही जागता रह गया

ना बरसों भी दिल की तह तक गया
वो तो आँखों में ही झाकता रह गया

एक कदम उसकी जानिब चला ही नहीं
मैं तो बस दूरिया नापता रह गया

पहले दुनिया से तोड़े थे रिश्ते सभी
अब तो खुद से भी कम राबता रह गया

बात मीठी भी उसको ना मीठी लगी
वो तो लफ़्ज़ों को ही नापता रह गया....
 
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