तुम जमीं पर हो अकेले और मैं भी यहाँ तन्हा हू&#

~¤Akash¤~

Prime VIP
रात में जब भी मेरी आँख खुलती हैं
कुछ जरा दूर टहलने के लिए नंगेपाओं ही निकल जाता हूँ आकाश में,
कहकशां छु के निकलती हैं जो पगडण्डी अपने पिछवाडे के संतूरी सितारों की तरफ,
दूधिया तारो पे पाँव रख कर चलता रहता हूँ यही सोच कर के कोई सैय्यारा अगर जागता मिल जाये कही, एक पडोसी की तरह पास बुला ले और कहे आज की रात यहीं रह जाओ तुम जमीं पर हो अकेले और मैं भी यहाँ तन्हा हूँ.........................
 
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