क्या इज़्ज़त है फनकारों की, इसका तब एहसास हुआ रद्दी के कागज़ में बिकते, ग़ालिब के दीवान मिले
~¤Akash¤~ Prime VIP Nov 30, 2010 #1 क्या इज़्ज़त है फनकारों की, इसका तब एहसास हुआ रद्दी के कागज़ में बिकते, ग़ालिब के दीवान मिले