नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू ही सही .. नहीं विशाल मयस्सर तो आरजू ही सही ... गर इन्तेज़ार कठिन है तो तब तक ऐ दिल ... किसी के वादएफार्दा की गुफ्तगू ही सही ......