नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू ही सही .. नही&

~¤Akash¤~

Prime VIP
नहीं निगाह में मंजिल तो जुस्तजू ही सही ..
नहीं विशाल मयस्सर तो आरजू ही सही ...

गर इन्तेज़ार कठिन है तो तब तक ऐ दिल ...
किसी के वादएफार्दा की गुफ्तगू ही सही ......
 
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