मेरी कहानी मेरा क़िस्सा हो तुम..

Pardeep

๑۩۩๑┼●ℛŐŶ
मेरी कहानी मेरा क़िस्सा हो तुम..
तुम्हे कैसे भुला सकता हूँ
कैसे दिल से मिटा सकता हूँ
मेरी साँसों का हिस्सा हो तुम
हम प्यार की डोर से बंधे भी हुए हैं
टूटे भी हुए हैं...
और हाथ से हाथ ये बंधे भी हुए हैं
छूटे भी हुए हैं
हम साथ है पर हमसफ़र नही
मेरे पास नही दूर ही सही
पर मेरी तो मंज़िल हो तुम..
मेरी कहानी .. मेरा क़िस्सा हो तुम..
तुम्हे कैसे भुला सकता हूँ
कैसे दिल से मिटा सकता हूँ
मेरी साँसों का हिस्सा हो तुम

 
Top