खेल ऐसे के मुझे हार का मौका दे दे ..

मेरे होंठों को मत सीह, मुझे इज़हार का मौक़ा दे दे
इश्क़ जुर्म हैं तो इक़रार का मौका दे दे
आँखों ही आँखों मैं कह लूँगा जो कहना मुझे
इक पल केलिए दीदार का मौका दे दे
कर ले तस्लीम मेरी खामोश मुहब्बत
या सर-ऐ-आम मुझे प्यार का मौका दे दे
खत्म कर दे दर-ओ-दीवार की हर पाबंदी
या तवाफ़-ऐ-दीदार का मौका दे दे
जीत जाना मेरे शायद तुझे बर्दाश्त न हो
खेल ऐसे के मुझे हार का मौका दे दे​
 
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