गम के मारे जो मुस्कुराये है आंसूओ को पसीने आये है ! क्या बला है ख़ुशी मालूम नहीं हम तो बस नाम सुनते आये है ! हमदर्दी-खुलूश-मेहरवानी हमने क्या-क्या फरेब खाए है ! सिर्फ एक गुस्ताखिये-तबस्सुम पर उम्र भर गम के नाज़ उठाये है !