जो गिर के न संभल सका वही दिल-ए-नाशाद रह गया...

~¤Akash¤~

Prime VIP
ना कोई नज़र मिली न नवाजे परवरदिगार मिली
मेरे बजुदे उम्र का बस फरेब-ए-रुदाद रह गया....

न खाक में ही मिल सका न फसले-गुल में खिल सका.
जो गिर के न संभल सका वही दिल-ए-नाशाद रह गया...
 
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