हसीं कातिल है, और हसीन है हर अदा उनकी, गुनाह से पहले ही मुक़र्रर होती है सजा उनकी... निखरता जाता है हुस्न और भी बेवफाई के बाद, तय ये तुम करलो, हुस्न चाहिए कि वफ़ा उनकी..