बुनते रहे रंग हज़ार खयालो के ,, गुम हो गए सारे

~¤Akash¤~

Prime VIP
बुनते रहे रंग हज़ार खयालो के ,,
गुम हो गए सारे बेमतलब सवाल,,

गुज़र जाते ज़स्बात पानी की तरह,
मेरी तबियत का है एक सा हाल ,,
 
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