चलो फिर एक कोशिश के जाये,, डौर और पतंगे फिर उड़ाई जाये, चुनकर लाये रंग फिर से पुराने, परियो की कहानी सुनाई जाये, लथपथ मिट्टी में खेले इतना, कोई चोट बदन पर खाई जाये , शिकवे शिकायतों के मौसम में, दुश्मनों से भी दोस्ती बडाई जाये,