हर मौसम का अपना अलग एक अंदाज़ है, मेरे फैसले पर कभी ऐतराज़ ना करना तुम, मै चला जाऊ चाहे कितना भी दूर घटा बनके ,, मेरे लौटने की बारिश का इंतज़ार करना तुम,,