मेरे तुज़ुर्बे का का तकाजा यूँ ना लगाओ , चुल्लू से समंदर खाली ना किया जायेगा, मेरी परवाज़ का तकाजा यूँ ना लगाओ, हाथो से यूँ आसमान नापा ना जायेगा , ज़मीन से जुड़ा कुछ किरदार है मेरा, मेरी हस्ती को धुल में मिलाया ना जायेगा ,