जो आओ तो सब कुछ ही छोड़ के आओ सभी रिश्ते अनाओं से कभी तोड़ के आओ ये जिस्म कही बीच मे दीवार ना हो जाये खुद को मेरी खातिर कभी छोड़ के आओ ज़िन्दगी का निशाँ देखना तूफ़ान ही देगा कभी साहिल-ओ-सहारे सब छोड़ के आओ..