मेरी बुझती लौ को माँ हर दिन हवा देती रही.

~¤Akash¤~

Prime VIP
सब बलाएँ रोज मेरी अपने सर लेती रही
माँ ही थी जो सह के सब कुछ भी दुआ देती रही

उसके दम पर अ: अंधेरों आज भी रोशन हूँ मैं
मेरी बुझती लौ को माँ हर दिन हवा देती रही.
 
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