थे शीशे के सभी, कोई मकाँ कच्चा नहीं था....

~¤Akash¤~

Prime VIP
फरेबी थे सभी कोई वहां सच्चा नहीं था
जबाँ मीठी मगर दिल से कोई अच्छा नहीं था

किताबें खा गई बचपन शहर के
कोई बच्चा वहां, बच्चा नहीं था

महक भी खो गई अपनी जमीं की
थे शीशे के सभी, कोई मकाँ कच्चा नहीं था....
 
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