कोई आंसूं बन के आया आज फिर.....

~¤Akash¤~

Prime VIP
खुद को हमने आजमाया आज फिर
अपना ही दामन जलाया आज फिर

कल भी औरों के लिए जीता था मैं
सब की खातिर ज़हर खाया आज फिर

बेटियों का दिल दुखाता था सदा
उसको बेटों ने सताया आज फिर

यूँ तो हमको याद वो करता ना था
जाने क्यूँ ख्वाबों में आया आज फिर

हमने बरसों में लिखी हैं ये ग़ज़ल
कोई आंसूं बन के आया आज फिर.....
 
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