पर गाँव के घर को भी भुलाया नहीं गया..

~¤Akash¤~

Prime VIP
ये ज़िन्दगी का बोझ उठाया नहीं गया
हालत वो थे ज़हर भी खाया नहीं गया

उसकी बज़्म से हम प्यासे ही लौट आये
औरों की तरह सर तो झुकाया नहीं गया

यारों से कभी अपनी तबियत नहीं मिली
और दुश्मनों से हाथ मिलाया नहीं गया

अपनों से चाहे कितने शिकवे रहे मगर
गैरों को हाले दिल तो सुनाया नहीं गया

उसने भी कभी खुद को प्यासा ना बताया
और दरिया बनके हमसे भी आया नहीं गया

यूँ बन के बादशाह तो शहरों में रहे हम
पर गाँव के घर को भी भुलाया नहीं गया..
 
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