हम बिजलियों से लिखंगे ग़ज़ल पास्तानी......

~¤Akash¤~

Prime VIP
कुछ इस तरह से कट गई जिंदगानी
अधूरे हैं ख्वाब,...... हैं आधी कहानी

हमे आया नहीं मैकशी का सलीका
हैं ग़मगीन दिल आँख में फिर है पानी

जाने कैसा नशा बस तेरे इश्क में हैं
अब अयान हैं दीवाना कल थी मीरा दीवानी

कत्ल होना रही हैं मेरी एक आदत
ना कह मुझसे तू आशिकों की कहानी

अयान आज दिल पे हैं दस्तक कोई
जिस्म से चल पड़ी खुशबु-ए-जाफरानी

कैद कर लाये हाथों में बर्के फलक को
हम बिजलियों से लिखंगे ग़ज़ल पास्तानी......
 
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