कैसे फिर खुद को जोड़ लेता मैं..

~¤Akash¤~

Prime VIP
अपने टुकड़े जो जोड़ लेता मैं
आईने खुद ही तोड़ देता मैं

तू जो कतरा भी था तेरी खातिर
आज दरिया को छोड़ देता मैं

गांठ रिश्तों मे हैं तिजारत की
कैसे गिरहो को खोल लेता मैं

आयेंगे मेरे बाद दिलजले कितने
कैसे पैमाने......... तोड़ देता मैं

छोड़ के उसने मुझे बेवफाई से बचाया
दिल मे मेरे था के उसको छोड़ देता मैं

साथ टूटा था वो "अयान" मेरे
कैसे फिर खुद को जोड़ लेता मैं..
 
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