~¤Akash¤~
Prime VIP
कोई खवाबों में खो गया शायद
रोजगार, इश्क हो गया शायद
उम्र भर ढूँढता रहा तुझको
आज वो खुद ही खो गया शायद
कैद-ए-बरका में छुपाया था जिसको
सरे-आम महफ़िल में हो गया शायद
रात भर महकती रहीं पलकें
तेरा ख्वाब आँखों में सो गया शायद
बहुत बचे राहे-मयकदा से "अयान"
जो ना होना था हो गया शायद...
रोजगार, इश्क हो गया शायद
उम्र भर ढूँढता रहा तुझको
आज वो खुद ही खो गया शायद
कैद-ए-बरका में छुपाया था जिसको
सरे-आम महफ़िल में हो गया शायद
रात भर महकती रहीं पलकें
तेरा ख्वाब आँखों में सो गया शायद
बहुत बचे राहे-मयकदा से "अयान"
जो ना होना था हो गया शायद...