~¤Akash¤~
Prime VIP
ख़त के पुरजों सा आज कोई उड़ा दे मुझे
पुराना सपहा हूँ आकर कोई मिटा दे मुझे
होश में दुनियादारी मेरे बस की बात नहीं
शहर के मैखानो से कोई मिला दे मुझे
कितनी नीची राहों ने मुझे दी ये ऊँचाई
आज मेरी नजरों से कोई गिरा दे मुझे
खोया हूँ जाने कब से लोगों की भीड़ में मैं
बस मुझ से ही आज कोई मिला दे मुझे
और भड़कती अब तो आँखों के पानी से
आग लगा कर मुझमे कोई बुझा दे मुझे
सच्ची बात कहाँ दुनिया में कभी हुई मकबूल
चढ़ा दे सूली पे या ज़हर पिला दे मुझे...
पुराना सपहा हूँ आकर कोई मिटा दे मुझे
होश में दुनियादारी मेरे बस की बात नहीं
शहर के मैखानो से कोई मिला दे मुझे
कितनी नीची राहों ने मुझे दी ये ऊँचाई
आज मेरी नजरों से कोई गिरा दे मुझे
खोया हूँ जाने कब से लोगों की भीड़ में मैं
बस मुझ से ही आज कोई मिला दे मुझे
और भड़कती अब तो आँखों के पानी से
आग लगा कर मुझमे कोई बुझा दे मुझे
सच्ची बात कहाँ दुनिया में कभी हुई मकबूल
चढ़ा दे सूली पे या ज़हर पिला दे मुझे...