हाथ में जिसके कोई खंजर नहीं मिलता....

~¤Akash¤~

Prime VIP
मुझे अपने मकाँ का ही कभी दर नहीं मिलता
मिल जाये कभी दर तो अयान घर नहीं मिलता

इया जंगे-सफ़र में यारब ये कैसी हैं दिल्लगी
जो तेग मिले मुझको खुद का सर नहीं मिलता

उड़ जाते हैं लेकर वही सैय्याद कफस को
जिन पंछियों पे कोई बालों-पर नहीं मिलता

जालिम भी पूछता हैं मुझको दे के सजा रोज
क्यूँ हौसला तेरा कभी कमतर नहीं मिलता

जख्म तो बक्शे हैं मुझको उसी ने रोज
हाथ में जिसके कोई खंजर नहीं मिलता....
 
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