दुश्मनों की कमी ना हो जाए....

~¤Akash¤~

Prime VIP
खाली दिल की गली ना हो जाए
दिल से उसे बे-दिली ना हो जाए

सजदों की हो गई है अब आदत
मुझसा काफ़िर नबीं ना हो जाए

जाँ ये हैं अब तेरे ही क़दमों में
तेरे दर पर ज़बीं ना हो जाए

दिल्लगी बन गई हैं दिल की लगी
ये बेबसी, बेकली ना हो जाए

ज़िन्दगी आ गई है तंग मुझसे
इश्क ये खुद-ख़ुशी ना हो जाए

आज आँखों में फिर समंदर हैं
नम ये दिल की ज़मीं ना हो जाए

दोस्ती तो अयान-ए-फितरत हैं
दुश्मनों की कमी ना हो जाए....
 
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