दे दिए हैं ज़ख्म जो उसने मुझे..

~¤Akash¤~

Prime VIP
खूँ रुलाया आज फिर उसने मुझे
आजमाया आज फिर उसने मुझे

छोड़ना साथ जब मेरा उसे
ख्वाब क्यूँ इतने दिए उसने मुझे

बे सबा समंदर में मुझको छोड़कर
दी हैं कश्तियां हवाओं की उसने मुझे

रोज होती हैं ये नम पलकें मेरी
फासिले कैसे दिए उसने मुझे

ना भरेंगे उम्र भर अब ये "अयान"
दे दिए हैं ज़ख्म जो उसने मुझे..
 
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