छुआ मुझको किसने क्या तुम आये थे....

~¤Akash¤~

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ज़िन्दगी थी मेरी, के तुम आये थे
दुआ थी किसी की के तुम आये थे

हुई सदियों में गीली दिल की ज़मी
वो बरसे थे बादल या तुम आये थे

रहा गुम ये चंदा कहीं रात भर
लगता है शायद के तुम आये थे

चमकी हैं पलकें मेरी आज फिर
वो एक ख्वाब था या तुम आये थे

ये कैसी है आहट मेरे दर पे आज
थी फिर से हवाएं के तुम आये थे

महकने लगा आज आँगन मेरा
थी बादे-सबा वो के तुम आये थे

धडकने आज फिर से बहुत तेज हैं
छुआ मुझको किसने क्या तुम आये थे....
 
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