उसका ही नूर हैं चाहे जिधर देख ले.....

~¤Akash¤~

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यूँ धार पे रहने का मुझपे असर देख ले
झुकता नहीं है अब ये मेरा सर देख ले

हो मुश्किलें पर हम में जब्ते गम का हुनर है
किसी कांधे पे नहीं रखते हम ये सर देख ले

तू याद करे हम को या ना करे "अयान"
अपने तो दिल में तू हैं आठो पहर देख ले

बह जाते हैं पत्थर और कटते हैं किनारे
दरिया की रवानी का तू भी असर देख ले

आ देखें रकीब आज हम भी तेरे हौशलें
तू अपने तीर और मेरा जिगर देख ले

अब लोगों के दिलों से एहसास मर गये
बस कहने को जिंदा है सारा शहर देख ले

हमने तो बस खुद को कुरबान कर लिया
तेरे शहर के कातिल हैं बे हुनर देख ले

आ कर दे नाखुदा ये कश्ती खुदाओ के नाम
एक लहरें तेज फिर हम हैं बीच भंवर देख ले

दिखलाता हैं रस्ता वो दुनिया में सभी को
उसका ही नूर हैं चाहे जिधर देख ले.....
 
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