फिर किसी से भी कोई शिकायत नहीं रही.

~¤Akash¤~

Prime VIP
हालाँकि हर एक से तो महोब्बत नहीं रही
पर दिल मे किसी के लिए नफरत नहीं रही

माँ बाप को वो अपने सताता है नाखलफ
कहता है खुदाया तेरी बरकत नहीं रही

ये कह के वो बचने लगा है अजान से
बुलंदी मे हूँ अब सजदे की आदत नहीं रही

जिसकी आँखों में कटी थी ये ज़िन्दगी
कहा है उसने अब तेरी ज़रूरत नहीं रही

दीवानावार रो पड़ा उस रोज वो "अयान"
फिर किसी से भी कोई शिकायत नहीं रही.
 
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