~¤Akash¤~
Prime VIP
वो मंदिर के जरस मे मिलती है
वो मस्जिद की अजां मे मिलती है
वो हँसती रहती है यूहीं बच्चों में
ज़िन्दगी माँ की दुआ मे मिलती है
दुश्मनी तो है पर कभी कभी लेकिन
ज़िन्दगी चरागों को हवा से मिलती है
आज के दौर में तो हर गुनाहों को
ज़िन्दगी झूटे बयां से मिलती है
आगाजे महोब्बत को तो बस
ज़िन्दगी ही खता से मिलती है
वो अगर दे तो मान लें हम भी
ज़िन्दगी भी सजा से मिलती है
सच तो ये है अनाओं मे यारों
ज़िन्दगी सर गवां के मिलती है
क्या करें हमसे तो मिलती ही नहीं
ज़िन्दगी जो हर किसी से मिलती है.
वो मस्जिद की अजां मे मिलती है
वो हँसती रहती है यूहीं बच्चों में
ज़िन्दगी माँ की दुआ मे मिलती है
दुश्मनी तो है पर कभी कभी लेकिन
ज़िन्दगी चरागों को हवा से मिलती है
आज के दौर में तो हर गुनाहों को
ज़िन्दगी झूटे बयां से मिलती है
आगाजे महोब्बत को तो बस
ज़िन्दगी ही खता से मिलती है
वो अगर दे तो मान लें हम भी
ज़िन्दगी भी सजा से मिलती है
सच तो ये है अनाओं मे यारों
ज़िन्दगी सर गवां के मिलती है
क्या करें हमसे तो मिलती ही नहीं
ज़िन्दगी जो हर किसी से मिलती है.