यूँ सुना है हमने भी वो आसुओं का है मुरीद चश्मे-नम तो है मेरी क्या हम भी तेरे दिल मे है.. दिल की तड़फ समझता ही नहीं वो पसेपर्दा कोई निगाहे शौंक कब से तश्नाए-दीदार है.......